Day 7 D
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7th day class
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आज साप्ताहिक कोर्स का अंतिम दिन में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
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ऊपर इस पिक्चर को देखिये।यह है----
मनुष्य सृष्टि रूपी कल्प -वृक्ष
भगवान ने इस सृष्ठि रूपी वृक्ष की तुलना एक उल्टे वृक्ष से ही की है क्योंकि अन्य वृक्ष के बिज तो पृथ्वी के अन्दर बोये जाते है और वृक्ष ऊपर को उगते है लेकिन मनुष्य सृष्ठिरूपी वृक्ष के जो अविनाशी और चेतन बीज स्वरुप परमपिता परमात्मा शिव है, वह स्वयं ऊपर परमधाम अथवा ब्रह्मलोक निवास करते है।
चित्र में सबसे निचे कलियुग की अंत और सतयुग की आरम्भ का संगम दिखलाया गया है।
वहा श्वेत वस्र धारी प्रजापिता ब्रह्मा ,जगदम्भा स्वरस्वती तथा कुछ ब्रह्मणिया और ब्राह्मण सहेज राज योग की स्थिति में बैठी है।
इस चित्र द्वारा यह रहष्य प्रकट किया गया है कि कलियुग की अन्त में अज्ञान रूपी रात्रि के समय ,सृष्टि के बीजरूप ,कल्यांणकारी ज्ञान/सागर परमपिता परमात्मा शिव नई , पवित्र सृष्टी रचने की संकल्प से प्रजापिता ब्रह्मा की तन में प्रवेश करके उनके द्वारा मूल गीता ज्ञान तथा सहेज राजयोग की शिक्षा दी,जिसे धारण करने वाले नर-नारी को पवित्र ब्राह्मण कहलाये।
इन ब्राह्मण ब्रह्मणिया को शिव शक्तिया भी कहा जाता है। प्रजापिता ब्रह्मा के मुख से (ज्ञान द्वारा)उत्पन्न हुए।
इस छोटे से युग को
संगमयुग कहा जाता है। वह युग सृष्ठि का 'धर्माऊयुग ' ,पुरुषत्तम', गीता युग भी कहा जा सकता है।
अभीतक हमें बहुत सारा ज्ञान तो मिला है लेकिन ज्ञान से तो सिर्फ काम नही चलेगा।उसे प्रयोग भी करना है योग की द्वारा। परन्तु हर काम का एक विधि होता है।अगर हम ठीक ठीक विधि पूर्वक कोई भी काम करे तो सफल जरूर होंगे।
राजयोग में लिए भी कुछ नियम अगर आप फॉलो करे तो आप जरूर सफल होंगे।
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राजयोग की स्तम्भ अथवा नियम
योग के अभ्यास के लिए उसे आचरण सम्बन्धी कुछ नियमों का अथवा दिव्य अनुशासन का पालन करना होता है, क्योंकी योग का उद्धेशय मन को शुद्ध करना, दृष्टीकोण में परिवर्तन लाना और अपना चित्त को सदा प्रसंन्न बनाना है।
अगर हम निचे दिए गए विधि को अपना जीवन ।इ अपनाये तो कुछ ही दिनों में हम योग की मार्ग में जरूर सफलं होंगे। आइये जानते है वो नियम क्या है।
ब्रह्मचर्य या पवित्रता
सात्विक आहार
सत्संग
दैवी गुण
इन नियमो को पालन करने से ही मनुष्य सच्चा योगी जीवन बना सकता है तथा रोग,शोक,दुःख व अशांति रूपी भूतो के बन्धन से छुटकारा पा सकता है।
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राजयोग से प्राप्ति -अष्ट शक्तियाँ
राज योग माना परमात्मा से मन की लग्न में रहना,इससे आत्मा को सिर्फ सुख शांति हो नही अनेक आध्यात्मिक शक्तिया प्राप्ति होते है, उनमे मुख्या 8 शक्ति है...
समेटने की शक्ति(power to pack up)...
सहन शक्ति(Power to Tolarate)
सामने की शक्ति(power to accomodation)
परखने की शक्ति(Power to descriminate)
निर्णय करने की शक्ति(Power to Judge)
सामना करने का शक्ति(Power to face)
सहयोग शक्ति(Power to Co-operate)
विस्तार को संकीर्ण करने का शक्ति(Power to Withdraw)
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7days का कोर्स यहा ही समाप्त होता है। आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद। आप योग की रह पर चलकर अपना जीवन को सफल करे तो हमारा यह प्रयास भी सफल होगा।
नमस्कार
शुभ संकल्प के ओम् शांति
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Brahmakumaris is a dooms day cult,they brainwash ,hipnotize and make follower mentale slaves for property and power,any family suffering due to Brahma kumaris pl contact me +917417638112
ReplyDeleteYes...this organization should be banned...it is against Hindu religion...besides that many families are breaking due to their illogical lessons..
ReplyDeleteWhat is your experince
ReplyDeleteI have lost my family wife Poonam upadhyay m no 6289593266 with inocent twin children,one a group is formed then i will start working freely,govt is not going to do any thing,we have to take action without any limites